Darbar Mein Radha Rani Ke By Mridul Chintan Goswami Ji (Krishna Bhajan) Download
दरबार मे राधा रानी के
Darbar Mein Radha Rani Ke
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LYRICS
दरबार मे राधा रानी के
दरबार मे राधा रानी के,दरबार मे राधा राई के,
दुख दर्द मिटाए जाते है,दुख दर्द मिटाए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
दुनिया के सताए लोग यहा सिने से लगाए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
संसार सही रहने को यहा, संसार सही रहने को यहा,
दुख ही दुख है सहने को यहा, दुख ही दुख है सहने को यहा,
भर भर के प्याले, अमृत के, भर भर के प्याले, अमृत के,
यहा रोज पिलाए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
पल पल मेी आश् निराश भाई,पल पल मेी आश् निराश भाई,
दिन दिन घटती पल पल रहती,दिन दिन घटती पल पल रहती,
दुनिया जिनको, दुनिया जिनको, ठुकरा देती,
दुनिया जिनको, दुनिया जिनको, ठुकरा देती,
वो गोद बिताए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
जो राधा राधा कहते है,जो राधा राधा कहते है,
वो प्रिया शरण मेी रहते है,वो प्रिया शरण मेी रहते है,
करती है कृपा,करती है कृपा, ब्रषभानुसूता,
वही महेल बुलाए है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
वो कृपमैई कहलाती है, वो कृपमैई कहलाती है,
रसिको के मॅन को भाटी है,रसिको के मॅन को भाटी है,
दुनिया मेी जो,दुनिया मेी जो, बदनाम हुए,
पलाको पे बिताएँ जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
दरबार मे राधा रानी के,दरबार मे राधा राई के,
दुख दर्द मिटाए जाते है,दुख दर्द मिटाए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
दुनिया के सताए लोग यहा सिने से लगाए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
संसार सही रहने को यहा, संसार सही रहने को यहा,
दुख ही दुख है सहने को यहा, दुख ही दुख है सहने को यहा,
भर भर के प्याले, अमृत के, भर भर के प्याले, अमृत के,
यहा रोज पिलाए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
पल पल मेी आश् निराश भाई,पल पल मेी आश् निराश भाई,
दिन दिन घटती पल पल रहती,दिन दिन घटती पल पल रहती,
दुनिया जिनको, दुनिया जिनको, ठुकरा देती,
दुनिया जिनको, दुनिया जिनको, ठुकरा देती,
वो गोद बिताए जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
जो राधा राधा कहते है,जो राधा राधा कहते है,
वो प्रिया शरण मेी रहते है,वो प्रिया शरण मेी रहते है,
करती है कृपा,करती है कृपा, ब्रषभानुसूता,
वही महेल बुलाए है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
वो कृपमैई कहलाती है, वो कृपमैई कहलाती है,
रसिको के मॅन को भाटी है,रसिको के मॅन को भाटी है,
दुनिया मेी जो,दुनिया मेी जो, बदनाम हुए,
पलाको पे बिताएँ जाते है,
दरबार मेी राधा रानी के, दुख दर्द मिटाए जाते है,
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